API क्या है? API कैसे काम करती है? पूरी जानकारी

Api kya hai

क्या आप जानते है कि API kya hai? क्या आप जानते है, API full form क्या है (what is api full form in hindi). अगर नहीं तो आर्टिकल आपके लिये ही है। क्या आपने कभी सोचा है कि आप एक ही एप्प, वेबसाइट या अन्य किसी प्रोग्राम से दूसरे एप्प, वेबसाइट या अन्य किसी प्रोग्राम का उपयोग कैसे कर लेते है?

क्यों आपको किसी एप्प अथवा वेबसाइट में लॉग इन करने के लिए कोई इनफार्मेशन देने की आवश्यकता नहीं होती है, केवल उस पेज पर उपलब्ध ऑपशन्स में से किसी एक ऑपशन पर बस एक क्लिक कर आप उस प्रोग्राम में आसानी से लॉग इन कर लेते है, तो यह कैसे हो जाता है क्योंकि अपने तो अपनी कोई इनफार्मेशन या डाटा तो दिया नहीं। 

दरअसल यह यह सब एपीआई का कमाल होता है। API के ही कारण आप एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्राम के डाटा का उपयोग कर पाते है। इंटरनेट का उपयोग करके किये गये अधिकतर सभी कार्यों में API का यूज होता है।

अब जब एपीआई इतना ही महत्वपूर्ण है तो यह बेहद आवश्यक है कि आपको इसके बारे में जानकारी हो कि API kya hai, API ka full form, Types of api in hindi आदि। एपीआई से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी गई है। आइये जानते है कि  API kya hota hai (What Is API In HIndi)

अनुक्रम

API क्या है? (What is API in Hindi)

Application Programming Interface (API) एक विशिष्ट प्रकार का Code होता है। इसका उपयोग कर किसी दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन अथवा सर्विस के डाटा या फंक्शन्स को आसानी से एक्सेस किया जाता है।

API Code बहुत सारे फंक्शन्स, कमांड्स, ऑब्जेक्ट्स एवं प्रोटोकॉल्स का कलेक्शन होता है। इसका यूज करके प्रोग्रामर्स सॉफ्टवेयर डवलप करते है और एक्सट्रनल सिस्टम से इंटरैक्ट करने के लिए मॉडल डिजाइन करते है। 

API किसी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन के उद्योग मानको या नियम व शर्तें के आधार पर बनाया जा सकता है ताकि विभिन्न घटकों में अंतर सुनिश्चित किया जा सके। यह पूरी तरह से कस्टम हो सकता है। API सिस्टम के Behaviour का वर्णन करती है जबकि लाइब्रेरी वास्तव में उस Behaviour को लागू करती हैं।

एक सिंगल एपीआई में कई लाइब्रेरी हो सकती हैं क्योंकि इसमें कई प्रकार अलग-अलग Implementation हो सकते हैं। हालांकि कभी-कभी एक एपीआई को एक सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क से भी जोड़ा जा सकता है। एक फ्रेमवर्क कई लाइब्रेरी पर आधारित है जो विभिन्न एपीआई को Implemented करता है जिनका Behaviour फ्रेमवर्क में बनाया गया है।

सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग इंटरफेस है जो दो या दो से अधिक सॉफ्टवेयर अथवा प्रोग्राम्स को आपस में Communicate करने में सहायता प्रदान करता है।

जब भी कोई यूजर किसी सिस्टम द्वारा किसी एप्लीकेशन को कोई कार्य को करने के लिए निर्देश देता है, तो एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) उससे सम्बंधित डाटा कलेक्ट कर पहले वह डाटा सर्वर तक पहुँचाता है और फिर सर्वर निर्देशित कार्य पूरा करने हेतु उस डाटा के साथ प्रोसेस कर उसे Readable अथवा Watchable Form में कन्वर्ट करता है और फिर उससे सम्बंधित सम्पूर्ण डाटा वापस यूजर तक पहुँचाता है।

इस प्रकार एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस दो या दो से अधिक सॉफ्टवेयर अथवा प्रोग्राम्स के बीच एक कड़ी के रूप में काम करता है। एपीआई के बिना ऐसा करना बेहद कठिन है।

एपीआई किसी एप्प अथवा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। यह दो या दो से अधिक प्रोग्राम्स के मध्य एक संचार माध्यम के रूप में कार्य करता है। उचित ढंग से बनाया गया API संचार के माध्यम को तेजी के साथ सरल व सुगम बनाता है।

आजकल लगभग सभी महत्वपूर्ण वेब आधारित ऍप्लिकेशन्स अपना एपीआई प्रदान करने लगे हैं। एपीआई के बारे में जानने से पहले यह आवश्यक है कि आपको यह पता हो कि API की full form क्या होती है (full form of API) तो जाने API का पूरा नाम क्या है

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API की फुल फॉर्म क्या होती है?

API की FULL FORM “Application Programming Interface” होती है। हिंदी में एपीआई की फुल फॉर्म ”अनुप्रयोग प्रोग्रामिंग अंतराफलक” होती है।

API का इतिहास क्या है?

एपीआई का विचार इस शब्द से भी काफी पुराना है। एपीआई की शुरुआत केवल एक इंटरफेस के लिए एंड-यूजर-फेसिंग प्रोग्राम से हुई थी, इसे एप्लिकेशन प्रोग्राम के रूप में जाना जाता है। सर्वप्रथम 1940 के दशक में ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक मौरिस विल्क्स और डेविड व्हीलर ने एक प्रारंभिक कंप्यूटर EDSAC के लिए एक मॉड्यूलर सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी पर काम किया।

विल्क्स और व्हीलर के द्वारा सबरूटीन्स इस पुस्तकालय में संग्रहीत की गई थी। साथ ही इस बात भी विचार किया गया कि इसे एक कार्यक्रम में कैसे शामिल किया जाए? उस समय प्रत्येक सबरूटीन के बारे में नोट्स को “लाइब्रेरी कैटलॉग” कहा गया। वर्तमान में इस तरह के कैटलॉग को एपीआई कहा जाता है। 

पहला प्रकाशित एपीआई विनिर्देश विल्क्स और व्हीलर की पुस्तक द प्रिपरेशन ऑफ प्रोग्राम्स फॉर ए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर में प्रकाशित किया गया था। 1974 में यह शब्द डेटाबेस के क्षेत्र में ”द रिलेशनल एंड नेटवर्क अप्रोच: कम्पेरिजन ऑफ द एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस” नामक पेपर में पेश किया गया था।

सामान्य प्रोग्रामिंग इंटरफेस बनाने के लिए एपीआई के विस्तार के विचार का प्रस्ताव 1978 के एक आरेख में उल्लेखित है। वर्तमान में API शब्द एक व्यापक इंटरफेस बन गया है, इसमें कई प्रकार के प्रोग्राम्स, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इंटरफेस भी सम्मिलित है। आइये अब जानते है कि API कहाँ इस्तेमाल किया जाता है?

एपीआई के उपयोग क्या है?

इंटरनेट पर आप जो भी काम करते है उसमें लगभग हर जगह API का इस्तेमाल किया जाता है। आप जब भी किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म (जैसे Facebook, Instagram, Youtube आदि) का उपयोग करते हैं, या गूगल अथवा किसी वेबसाइट पर कुछ सर्च करते है या फिर किसी एक एप्लीकेशन द्वारा किसी दूसरी एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं तो आप एक API का उपयोग कर रहे है। 

OpenGL और Microsoft की DirectX लाइब्रेरी जिनका उपयोग करके हम Operating system से ही कुछ data लेते है आदि सभी API के उदहारण है। API का उपयोग केवल किसी सर्वर से डाटा डाउनलोड करने के लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि यह इंटरफेस किसी App द्वारा किसी स्पेशल लाइब्रेरी का Data इस्तेमाल करने की भी अनुमति देता है। एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का उपयोग किसी एप्प अथवा सॉफ्टवेयर को डवलप करने में भी किया जाता है।

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एपीआई काम कैसे करता है?

यदि आप किसी दूसरे सिस्टम, वेब अथवा एप्लीकेशन के डाटा या फंक्शन को अपने सिस्टम, वेब अथवा एप्लीकेशन में इस्तेमाल करना चाहते है तो इसके लिए आपको उसका API का प्रयोग करना होगा। इस कोड के उपयोग से आपको आपके द्वारा निर्देशित कार्य का सम्पूर्ण डाटा automatically प्राप्त हो जाता है और किसी भी डाटा को बार-बार लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इससे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बहुत ही आसान हो जाती है। 

इसे हम एक उदाहरण के रूप में भी समझ सकते है, जैसे कि आप किसी वेबसाइट अथवा एप्लीकेशन का उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उसमें लॉग इन करना पड़ता है। वेबसाइट में लॉग इन करने के लिए आपको 3 ऑप्शनस दिए होते है।

  1. Login With Google
  2. Login With Email
  3. Login With Facebook

कई बार आपको इनमे से केवल दो ऑप्शनस ही दिये जाते है। तो इन ऑपशन्स की सहायता से उस वेबसाइट अथवा एप्लीकेशन में बड़ी आसानी से लॉग इन हो सकते है। इसके लिए आपको उस वेबसाइट अथवा एप्लीकेशन कोई अन्य इनफार्मेशन या डाटा देने की आवश्यकता नहीं होती है।

जैसे ही आप इनमें से किसी एक ऑप्शन को सेलेक्ट करेंगे उस वेब पर उपस्थित आपकी वह सभी इनफार्मेशन जो लॉग इन से सम्बन्धित होगी एपीआई द्वारा ऑटोमेटिक ही उस प्रोग्राम को प्रदान कर दी जाती है। यह पूरी प्रक्रिया एक API के माध्यम से होती है। इस प्रकार एपीआई दो फंक्शन्स के बीच संचार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

API के प्रकार क्या है? (Types of API in Hindi)

API को उसके कार्यों के आधार पर बाँटा गया है। सभी API के अलग-अलग कार्य होते है। आइये जानते है यह कितने प्रकार के होते है।

1. क्रिर्यात्मक उन्मुख (Procedural Orieted)

Procedural Oriented API पूरी तरह से RPC Implementaions द्वारा क्रियान्वित किये जाते है, इसलिए इसे कार्य-उन्मुख (Function Orieted) भी कहते हैं। Procedural Oriented एक प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा है जो किसी Application के यूजर द्वारा बताए गए किसी कार्य को पूरा करने के लिए सर्वर को डेटा प्रदान करता है और कार्य को पूरा होने के बाद यूजर को एक इंटरफेस प्रोवाइड करता है, ताकि यूजर अपना काम पूरा कर सके।

2. वस्तु-उन्मुख (Object Orieted)

वस्तु-उन्मुख एक प्रोग्रामिंग प्रतिमान है। इसमें वस्तुओं के डेटा और कोड होते है, इसलिए इसे आंकड़ा-उन्मुख (Data Oriented) भी कहते है। यह प्रोग्राम “ऑब्जेक्ट्स” की अवधारणा पर आधारित होते है। इसमें वस्तुओं के डेटा फील्ड के रूप में और कोड प्रक्रियाओं के रूप में उपस्थित हो होते है। यह एपीआई सिस्टम अन्य ओरिएंटेड की तुलना में अधिक पॉवरफुल होता है जो मुश्किल डेटा को सर्वर तक पहुंचाता है और ज्यादा लोड  भी उठा सकता है।

3. सर्विस ओरिएन्टेड (Service Oriented)

सेवा-उन्मुख का उपयोग सेवा क्षेत्र में किया जाता है। यह सर्विस एप्लीकेशन में उपभोक्ता द्वारा दिए गए निर्देशों को सर्वर तक पहुँचाने में मदद करता है। यह सॉफ्टवेयर डिजाइन के लिए भी उपयोग किया जाता है। अधिकतर ई-कॉमर्स और शॉपिंग वेबसाइटें इसका उपयोग करती हैं।

4. संसाधन उन्मुख (Resource Oriented)

जब हम किसी एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं तो Resource Oriented API हमारे सम्पूर्ण डाटा को इक्ट्ठा करके सर्वर को भेजता है। इस प्रकार यह एक प्रोटोकोल के रूप में कार्य करता है, इसलिए इसे प्रोटोकोल उन्मुख भी कहते है। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी सिस्टम की सिक्योरिटी के लिए इसका उपयोग करती है।

क्या API सुरक्षित है?

जैसा कि हमने आपको पहले बताया जब हम सिस्टम द्वारा किसी एप्लीकेशन को कार्य को करने के लिए कोई निर्देश देते है, तो Application Programming Interface (API) उससे सम्बंधित डाटा कलेक्ट कर उसे सर्वर तक पहुँचाता है और फिर निर्देशित कार्य पूरा कर वापस यूजर तक डाटा पहुँचाता है तो ऐसे में कई बार लोगों के दिमाग में यह बात आती है कि क्या API पूरी तरह से सेफ/सुरक्षित है?

जब किसी द्वारा एपीआई का उपयोग किया जाता है तो पहले एक एप्लीकेशन से दूसरी एप्लीकेशन या सर्वर तक डाटा ट्रान्सफर करा जाता है और फिर वापस वहां से वो डाटा यूजर को भेजा जाता है तो हो सकता है कि इस पूरी प्रक्रिया के बीच डाटा चोरी होने या हैकिंग सम्बन्धी अन्य समस्या भी उत्पन्न हो। 

तो में आपको यह बात स्पष्ट कर देता हूँ कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। API पूर्ण रूप से सुरक्षित है। एपीआई द्वारा सर्वर तक केवल वही डाटा ट्रान्सफर किया जाता है, जिसके सम्बन्ध में यूजर द्वारा निर्देश दिये जाते है और यह डाटा भी सुरक्षित रूप से ट्रान्सफर करा जाता है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी इसका उपयोग करती है। अगर आप इसका उपयोग करते हैं, तो आपको बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। API बिल्कुल सुरक्षित है इसमें आपका सम्पूर्ण डाटा पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है।

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एपीआई के फायदे क्या है?

एपीआई का उपयोग करने के कई सारे फायदे है, जिनका लाभ एक यूजर को मिलता है यह फायदे निम्नलिखित है।

समय की बचत

Application Programming Interface (API) एक Time Saver के रूप में काम करता है। एक बार यूजर से निर्देश प्राप्त करने के बाद यह ऑटोमेटिक काम करता है।  API का यूज करते समय डाटा सेव करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि डाटा Automated सेव होता है। यह बड़ी तेजी से अपना काम करता है और इस तरह यह यूजर का समय बर्बाद होने से बचाता है।

Automatic Updated 

यदि यूजर द्वारा अपने डाटा में कोई परिवर्तन किया जाता है तो API स्वतः ही पुराने डाटा में यूजर द्वारा किए गए परिवर्तन को अपडेट करके ही आगे काम करता है। इसका उपयोग करते वक्त यूजर को व्यक्तिगत रूप से किसी एप्लीकेशन में अपडेट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

कार्य में सरलता

API दो ऍप्लिकेशन्स के बीच डाटा ट्रांसफर्मिंग का कार्य करता है। यूजर द्वारा निर्देश देने के बाद API स्वतः अपना कार्य कर लेता है इसलिये कोई भी यूजर API का यूज बड़ी आसानी से कर सकता है। 

सुरक्षित

API यूजर के डाटा को सुरक्षित रखता है।

परिवर्तनशील

API में समय के साथ किसी भी डेटा में आसानी से परिवर्तन किया जा सकता है।

Data Quality

एपीआई बेहतर डेटा गुणवत्ता समीक्षा और समर्थन करता है। इसके माध्यम से डेटा माइग्रेशन भी आसान होता है।

Commission Earning के रूप में

API का यूज कर उससे कमीशन भी कमाया जा सकता है। इसे हम इस तरह से समझ सकते है जैसे कि यदि आप किसी बिजनेस के पार्टनर बनकर या उसकी अफिलिएट मार्केटिंग करके भी अच्छा-खासा Commission Earn कर सकते है।

एपीआई के लिए नीतियां (Policies For API in Hindi)

API जारी करने के लिए नीतियाँ भी बनाई गयी है। एपीआई  के लिए तीन प्रकार की नीतियों का निर्माण किया गया है जो निम्लिखित है।

1. Private Policies 

प्राइवेट पॉलिसी के अन्तर्गत जारी किए गए एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) केवल किसी कंपनी के निजी या आंतरिक कार्य के लिए उपयोग किए जाते हैं।

2. Partner Policies

पार्टनर पॉलिसी के अन्तर्गत जारी किए गए एपीआई का उपयोग कंपनी के उसके विशिष्ट व्यावसायिक भागीदारों द्वारा भी किया जा सकता है।

3. Public Policies

पब्लिक पॉलिसी के तहत जारी किए गए एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का उपयोग जनता द्वारा भी स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। ऐसे कई APIs हैं, कार्बन एपीआई, Apple का कोको और Microsoft Windows API आदि इसके कुछ उदाहरण है।

API के उदाहरण

API अलग-अलग सिस्टम्स में अलग-अलग तरह से कई रूप में कार्य करता है। एपीआई के कुछ मुख्य उदाहरण नीचे बताये गये हैं।

Java APIs

जावा एक तरह की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जो सॉफ्टवेयर डवलप करने में काम आती है। जावा एपीआई में कक्षाएं, यूजर इंटरफेस और अन्य इंटरफेस सम्मिलित होते है, जो डेवलपर्स को विभिन्न वेबसाइटों और एप्लिकेशन्स की जानकारी इकट्ठा करने और वास्तविक समय की जानकारी व अन्य उपयोगी डाटा प्रदान करने में सहायक होते हैं। Java APIs दो प्रोग्राम्स के बीच इंटरफेस ट्रांसफर कर उनके बीच संचार स्थापित करता है।

OpenGL cross-platform graphics API

OpenGL (Open Graphics Library) एक क्रॉस-लैंग्वेज एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) है जो कि 2डी और 3डी वेक्टर ग्राफिक्स के प्रतिपादन के लिए उपयोग किया जाता है। आमतौर पर ओपनजीएल क्रॉस-प्लेटफॉर्म ग्राफिक्स एपीआई का उपयोग हार्डवेयर त्वरित प्रतिपादन प्राप्त करने के लिए ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) के साथ कम्युनिकेट करने के लिए किया जाता है।

OpenAL cross-platform sound API

OpenAL (Open Audio Library) OpenGL API के समान ही एक क्रॉस-लैंग्वेज एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) है। ओपनजीएएल क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म साउंड एपीआई का उपयोग मल्टी-चैनल 3D स्थितीय ऑडियो प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस एपीआई को EAX और A3D जैसे अन्य 3D ऑडियो सिस्टम को बदलने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था।

Open Database Connectivity (ODBC) for Microsoft Windows

माइक्रोसॉफ्ट ओपन डेटाबेस कनेक्टिविटी (ODBC) इंटरफेस एक उच्च प्रदर्शनीय C प्रोग्रामिंग भाषा इंटरफेस है। ODBC एक निम्न-स्तरीय इंटरफेस है। यह ओरिएन्टेड विशेष रूप से रिलेशनल डेटा स्टोर के लिए डिजाइन किया गया है जो विभिन्न डेटाबेस प्रबंधन प्रणालियों (DBMS) से अनुप्रयोगों के लिए डेटा एक्सेस करने का कार्य करता है।

OpenMP API

ओपनएमपी एपीआई जो यूनिक्स और माइक्रोसॉफ्ट विंडोज प्लेटफॉर्म सहित कई आर्किटेक्चर पर C, C++ और फोरट्रान में मल्टी-प्लेटफॉर्म साझा मेमोरी मल्टीप्रोसेसिंग प्रोग्रामिंग का समर्थन करता है।

Emulator High level Language Application Program Interface (EHLL API)

एम्यूलेटर हाई-लेवल लैंग्वेज एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (EHLL API) हाई-लेवल लैंग्वेज एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस HLL API का एक उन्नत संस्करण है। HLLAPI एक International Business Machines (IBM API) है, इसे HLLAPI एक पीसी एप्लिकेशन को मेनफ्रेम कंप्यूटर के साथ संचार करने की अनुमति प्रदान करता है। 

HLLAPI को 3270 इम्यूलेशन सॉफ़्टवेयर चलाने के लिए एक पीसी की आवश्यकता होती है। यह एक पीसी एप्लिकेशन और इम्यूलेशन सॉफ़्टवेयर के बीच एक इंटरफ़ेस को परिभाषित करता है। आईबीएम 3270 पीसी के सहयोग से एक डॉस पीसी वातावरण से आईबीएम मेनफ्रेम पर डेटा तक पहुंच प्रदान करने के लिए आईबीएम द्वारा ही पेश किया गया था।

Carbon and Cocoa for the Macintosh

मैकओएस ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए सी-आधारित दो प्राथमिक एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस में से एक कार्बन था जो ऐप्पल द्वारा विकसित किया गया था।

DirectX for Microsoft Windows

Microsoft DirectX एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का एक संग्रह है जो माइक्रोसॉफ्ट के प्लेटफॉर्म पर वीडियो, मल्टीमीडिया और विशेष रूप से गेमिंग प्रोग्रामिंग आदि से संबंधित कार्यों को संभालने के लिए यूज किया जाता है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के लिए डायरेक्टएक्स इंटरफेस से सम्बंधित एपीआई के नाम मूल रूप से “डायरेक्ट” के साथ शुरू होते है, जैसे कि Direct3D, DirectDraw, DirectMusic, DirectPlay, DirectSound आदि।

ASPI for SCSI device interfacing

 ASPI “उन्नत SCSI प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस” का संक्षिप्त नाम है। एससीएसआई एक विकसित प्रोग्रामिंग इंटरफेस है जो SCSI ड्राइवर मॉड्यूल और SCSI बाह्य उपकरणों के बीच कंप्यूटर बस पर तकनीकी मानकों के संचार को लागू और विकसित करता है।

Simple DirectMedia Layer (SDL)

सिंपल डायरेक्टमीडिया लेयर (एसडीएल) एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइब्रेरी है। एसडीएल एपीआई वीडियो, ऑडियो, नेटवर्किंग, इनपुट डिवाइस, थ्रेड्स, सीडी-रोम, शेयर्ड ऑब्जेक्ट लोडिंग और टाइमर का प्रबंधन करने के उपयोग में आता है। SDL कंप्यूटर मल्टीमीडिया हार्डवेयर घटकों के लिए हार्डवेयर एब्स्ट्रैक्शन लेयर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

एसडीएल का उपयोग सॉफ्टवेयर डेवलपर उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटर गेम और अन्य मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों को लिखने के लिए करते हैं जो कई ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे एंड्रॉइड, आईओएस, लिनक्स, मैकओएस और विंडोज पर चल सकते हैं।

Serial Peripheral Interface (SPI)

सीरियल पेरिफेरल इंटरफेस एक सिंक्रोनस सीरियल कम्युनिकेशन इंटरफेस स्पेसिफिकेशन है। SPI का इस्तेमाल मुख्य रूप से एम्बेडेड सिस्टम में शॉर्ट-डिस्टेंस कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है। एसएपीआई एक वास्तविक मानक बन गया है, इस इंटरफेस को मोटोरोला द्वारा 1980 के दशक के मध्य में विकसित किया गया था।

Server Application Programming Interface (SAPI)

सर्वर एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (SAPI) वेब सर्वर द्वारा प्रदान किया गया एक एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) है जो अन्य डेवलपर्स को वेब सर्वर क्षमताओं का विस्तार करने में सहायता प्रदान करता है, जैसे Apache HTTP सर्वर, Microsoft IIS और Oracle iPlanet वेब सर्वर के लिए सीधा मॉड्यूल इंटरफेस है। माइक्रोसॉफ्ट इसके लिए इंटरनेट सर्वर एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (ISAPI) शब्द का उपयोग करता है और निष्क्रिय नेटस्केप वेब सर्वर ने इसी उद्देश्य के लिए नेटस्केप सर्वर एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एनएसएपीआई) शब्द का इस्तेमाल किया है।

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API से जुड़े सवाल-जवाब

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको पता लग गया होगा कि API full form क्या होती है। साथ ही यह भी समझ होगा कि API kya hota hai जैसा की हमने आपको पहले भी बताया API किसी Server का एक Access Point होता है। सरल शब्दों में कहा जाये तो एपीआई एक प्रोग्राम के जरिये दूसरे प्रोग्राम के फंक्शन्स का उपयोग करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। बिना एपीआई का यूज करे ऐसा करना सम्भव नहीं है। एपीआई वेबसाइट और डिजाइनिंग में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उम्मीद है कि अब आपको API से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। यदि फिर भी आपके मन में एपीआई से सम्बन्धित कोई सवाल हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते हैं। साथ ही अगर आपको हमारा यह आर्टिकल API kya hai कैसा लगा लाइक और कमेन्ट करके जरूर बताये।

FAQ: API से जुड़े सवाल-जवाब

API की फुल फॉर्म क्या है?

API की फुल फॉर्म “Application Programming Interface” होती है।

API क्या है?

API एक Code होता है, इसका उपयोग मुख्यतः ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन अथवा सर्विस के डाटा या फंक्शन्स में एक्सेस करने के लिए किया जाता है।

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Jay Kanwar

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