E-Learning क्या है? फुल फॉर्म, प्रकार, फायदे, नुकसान – पूरी जानकारी

  • Post author:
  • Post last modified:सितम्बर 7, 2023
  • Post category:Internet
  • Post comments:0 Comments
  • Reading time:11 mins read
E Learning Kya Hai

आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ई-लर्निंग के बारे में। जी हाँ आज हम जानेंगे, E-Learning Kya Hai जैसा कि आप जानते है, पिछले कुछ सालों में ई-लर्निंग बहुत प्रचलित हुई है। आजकल ऑफलाइन स्टडी की तुलना में ऑनलाइन स्टडी का ज्यादा चलन है। इससे आप जब चाहें जहाँ चाहें अपनी इच्छा से कुछ भी सिख सकते हैं।

इस आर्टिकल में हमने आपको ई-लर्निंग से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें बताई है। जिनसे आपको ऑनलाइन लर्निंग का महत्व और इससे होने वाले फायदों के बारे में पता लगेगा। साथ ही इससे आपको ई-लर्निंग करने में भी सहायता मिलेगी। लेकिन इससे पहले कि हम ई लर्निंग के बारे में और जाने हमें इसकी फुल फॉर्म पता होनी चाहिए। तो आइये जानते है, E Learning Full Form in Hindi

E-Learning की फुल फॉर्म क्या है (E-Learning Full Form in Hindi)

E-Learning की फुल फॉर्म “Electronic Learning” होती है।

ई-लर्निंग क्या है (What is E-Learning in Hindi)

E-Learning शब्द दो शब्दों से जुड़कर बना हुआ है, पहला शब्द ‘E ‘और दूसरा शब्द ‘Learning’ यहाँ E से तात्पर्य इलेक्ट्रॉनिक यानि कंप्यूटर, नेटवर्क या इन्टरनेट पर आधारित लर्निंग से है। यानि इलेक्ट्रॉनिक या इन्टरनेट वाली डिवाइस जैसे कम्प्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि के द्वारा किसी भी क्षेत्र या किसी भी विषय में ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया ई-लर्निंग कहलाती है। इसमें ऑनलाइन क्लास या लाइव क्लास लेना, ऑडियो/विडियो, PDF, स्लाइडशो, वर्ड डॉक्यूमेंट आदि का उपयोग करना शामिल है।

सरल शब्दों में कहें तो कम्प्यूटर, नेटवर्क या इन्टरनेट के द्वारा सिखने या पढ़ने की प्रक्रिया, ई-लर्निंग कहलाती है। ई-लर्निंग को कई लोग Smart Learning और Mobile Learning के नाम से भी जाना जाता है। आज इन्टरनेट पर ऐसी बहुत सारी चीजें उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग कर आप ई-लर्निंग कर सकते हैं। इसमें वेबसाइट्स, लर्निंग ऍप्लिकेशन्स, ईबुक्स, यूट्यूब पर अपलोड वीडियोस् आदि सभी शामिल है।

जानिए E Wallet क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है: E Wallet क्या है? ई वॉलेट का उपयोग एवं फायदे क्या है?

E-Learning का इतिहास क्या है?

ई-लर्निंग की शुरुआत सन् 1999 से हुई, जब Elliott Masie ने अपने कम्प्यूटर आधारित प्रशिक्षण (CBT) प्रणाली पर आधारित TechLearn के एक सेमीनार में E-Learning शब्द का पहली बार प्रयोग किया गया। शुरू में CBT पाठ्यक्रम प्रणाली के बारे में वेब ट्रेनिंग, एजुकेशनल इंट्रानेट और कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से लोगों को ई-लर्निंग के बारे में बताया जाता था। बाद में इसके लिए CD-ROM की सुविधा भी शुरू की गई। धीरे-धीरे ई-लर्निंग का चलन बढ़ता गया और इसी दौरान इसके अन्य नाम जैसे ऑनलाइन लर्निंग, वर्चुअल लर्निंग, स्मार्ट लर्निंग आदि सामने आए। आइये, अब जानेंगे ई-लर्निंग के प्रकार के बारे में।

ई-लर्निंग कितने प्रकार की होती है (Types of E-Learning in Hindi)

ई-लर्निंग में अलग-अलग प्रकार की ऑनलाइन लर्निंग होती है, जो कि निम्नलिखित है।

Synchronous E-Learning

किसी निर्धारित समय पर ऑनलाइन माध्यम द्वारा कुछ भी सिखने की प्रक्रिया, Synchronous E-Learning कहलाती है। इसमें सिखने वाले और सीखाने वाले के बीच प्रत्यक्ष सम्पर्क रहता है। सिंक्रोनस ई लर्निंग में वर्चुअल क्लास द्वारा शिक्षा प्राप्त की जाती है। इसमें दो तरफा संचार यानि चैट की सुविधा होती है, जहाँ विद्यार्थी अपने शिक्षक से प्रत्यक्ष बातचीत के द्वारा अपने प्रश्नों का उत्तर पता कर सकते हैं। Synchronous E-Learning के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है।

Webinar

Webinar एक प्रकार का वेब सेमिनार होता है। वेबिनार मुख्यतः किसी Organization व Institution द्वारा संचालित किये जाते हैं।

Virtual Classes

वर्चुअल क्लासेज में ऐसी ऑनलाइन क्लासेज होती है, जिनमें Webcam और Microphone का उपयोग किया जाता है।

Video Conferencing

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा की गई लर्निंग भी एक प्रकार सिंक्रोनस ई लर्निंग है। इसमें वीडियो कॉल के जरिये फेस तो फेस लर्निंग की जाती है। इसमें दो या दो से ज्यादा व्यक्ति एक साथ वीडियो कॉल पर जुड़ सकते हैं। ऐसे कई सारे ऍप्लिकेशन्स हैं, जिनका उपयोग आप video conferencing के लिए कर सकते हैं।

Audio Conferencing

ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी सिंक्रोनस ई लर्निंग का ही एक भाग है। इसमें ऑडियो के जरिये दो या दो से अधिक एक-दूसरे से जुड़े होते है।

ऊपर बताये गए तरीकों के अलावा कोई भी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेर जिसके माध्यम से आप प्रत्यक्ष सम्पर्क द्वारा अपने प्रश्नों के उत्तर पूछ सकें और बता सकें, इनके द्वारा की गई लर्निंग Synchronous e-learning कहलाती है।

Asynchronous E-Learning

Asynchronous E-Learning भी ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का ही एक भाग है। लेकिन इसमें एक तरफा संचार प्रणाली होती है। एसिंक्रोनस ई-लर्निंग में सिखने वाले और सिखाने वाले व्यक्ति का किसी निर्धारित समय पर एक साथ ऑनलाइन होना आवश्यक नहीं होता है। इसमें आप अपने इंस्ट्रक्टर के ऑफलाइन पर भी उनके द्वारा सेव किये हुए कंटेन्ट के द्वारा आप सीख सकते हैं। इसके उदाहरण निम्नलिखित है।

Application Based Learning

आज इन्टरनेट पर कई सारे ऍप्लिकेशन्स उपलब्ध है, जिनके जरिए स्टूडेंट्स अपने इच्छानुसार कोर्स चुनकर व उसे सीख सकते हैं।

Websites

Udemy, Coursera, Codecademy, Open Yale Courses, Academic Earth और Khan Academy आदि कई ऑनलाइन वेबसाइटें है, जहाँ से आप अपनी इच्छा से कोर्स चुनकर उन्हें सिख सकते हैं और इसके लिए सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर सकते हैं।

Video Tutorial

विडियो ट्यूटोरियल के जरिये की जाने वाली लर्निंग को ideo Based Learning कहा जाता है। आप ऑफलाइन सेव्ड वीडियो द्वारा भी स्टडी कर सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, यूट्यूब पर सेव्ड वीडियो। एक बार इंस्ट्रक्टर अपनी वीडियो अपलोड कर देते हैं, उसके बाद आप जब चाहें तब इसे देखकर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

Ebook

eBook एक digital book होती है, जिसे किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सहायता से ही पढ़ा जा सकता है। आप किसी ईबुक के जरिये भी अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

तो दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि ई-लर्निंग कितने प्रकार की होती है। आइये अब हम जानेंगे कि आज के समय में ई-लर्निंग इतनी महत्व क्यों रखती है और इसके उपयोग क्या होते हैं?

जानिए eBook क्या है और eBook कैसे बनाए: eBook क्या है? पूरी जानकारी

ई-लर्निंग की उपयोगिता

ई-लर्निंग की उपयोगिता को देखते हुए आजकल इसका प्रचलन बहुत बढ़ गया है। आइये, जानते है, ई-लर्निंग क्यों उपयोगी है।

  • ई-लर्निंग में समय और स्थान पर कोई पाबंदी नहीं होती और इसकी यही बात इसे सबसे खास बनाती है।
  • यह इंस्ट्रक्टर और स्टूडेंट दोनों के समय और मेहनत बर्बाद होने से बचाता है।
  • ई-लर्निंग इसलिए भी इतनी उपयोगी है, क्योंकि इसमें सिखने के लिए कोई सीमित क्षेत्र नहीं होता। आप जो चाहें जितना चाहें सीख सकते हैं।
  • ई-लर्निंग में कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विद्यार्थियों को उनके द्वारा किये गए ऑनलाइन कोर्स के लिए सर्टिफिकेट या डिप्लोमा भी प्रदान करते हैं। जो कि आपके प्रोफेशनल कॅरियर में भी बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।

e-Check द्वारा डिजिटल तरीके से करें भुगतान, जाने ई-चेक से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें: e-Check क्या है, कैसे काम करता है?

ई-लर्निंग के फायदे क्या है (Advantages of E-Learning in Hindi)

ई-लर्निंग से शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है। इसे लोगों में शिक्षा का विकास तेजी से हुआ है। ई-लर्निंग से बहुत सारे फायदे होते हैं, जो कि पारम्परिक शिक्षा प्रणाली में सम्भव नहीं है।

  • पारम्परिक शिक्षा प्रणाली की तुलना में ई-लर्निंग प्रणाली अधिक सस्ती है।
  • ई-लर्निंग प्रणाली की सहायता से आप किसी भी क्षेत्र में असीमित शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
  • यह लर्नर के समय और मेहनत दोनों की बचत करता है।
  • ई-लर्निंग प्रणाली का एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है, कि आप कहीं भी किसी भी समय, कुछ भी सिख सकते हैं।
  • इसके अलावा आप ई-लर्निंग प्रणाली में व्यक्तिगत क्षमता और योग्यता के अनुसार सीख और पढ सकते हैं।
  • ई-लर्निंग में अधिकतर चीजें फोटो या वीडियो द्वारा समझाई जाती है, जिन्हें याद रखना आसान होता है।
  • ई-लर्निंग प्रणाली में पारम्परिक शिक्षा प्रणाली की तरह शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहीं आने जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आप घर बैठे ही या अन्य किसी भी स्थान से सिख या पढ़ सकते हैं।
  • ई-लर्निंग में कुछ अधिकतर क्लासेज रिकॉर्ड होती है, यदि आप किसी क्लास को निर्धारित समय पर नहीं अटेण्ड नहीं कर पाते हैं, तो आप बाद में भी इन रिकार्डेड क्लासेज को देख सकते हैं।

ई-लर्निंग के नुकसान क्या है (Disadvantages of E-Learning in Hindi)

हर चीज के जहाँ कुछ फायदे होते है, वहीं दूसरी ओर इसमें कुछ कमियाँ भी होती है।

  • ई-लर्निंग प्रणाली में सबसे बड़ी कमी यह है, कि बिना इन्टरनेट के आप इसका लाभ नहीं उठा सकते।
  • ई-लर्निंग में प्रत्यक्ष रूप से न सीखा पाने के कारण कई बार कठिन सवालों को समझने में छात्रों को असुविधा होती है।
  • यदि आप अपनी लाइफ में अनुशासन नहीं है, तो हो सकता है कि ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ाई करना आप के लिए ज्यादा लाभदायक न हो।
  • ई-लर्निंग प्रणाली में कई बार सिखने और समझने में थोडा अधिक समय लग सकता है।
  • ई-लर्निंग प्रक्रिया में ऑनलाइन स्टडी करने के लिए अधिकतर फोन नम्बर, ईमेल आईडी द्वारा रजिस्टर करना पड़ता है। इससे प्राइवेसी सम्बन्धित समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • ई-लर्निंग में Practical पर आधारित विषयों को समझ ने में दिक्कत आ सकती है।
  • कई बार इन्टरनेट की गति धीमी होने या फिर सर्वर की समस्या होने के कारण ऑनलाइन स्टडी करने में दिक्क्त आ सकती है।

E-Learning 2.0 क्या है?

ई-लर्निंग 2.0 Web 2.0 द्वारा नवनिर्मित सीएससीएल (CSCL) प्रणालियों का एक प्रयोग है। इसमें ब्लॉग, विकी, पॉडकास्ट आदि शामिल होते हैं। ई-लर्निंग 2.0 को प्रोत्साहित करने के लिए सामाजिक नेटवर्कों का इस्तेमाल किया जाता है, यह ई-लर्निंग 2.0 का एक महत्वपूर्ण भाग होता है।

क्या ई-लर्निंग प्रणाली पारम्परिक शिक्षा प्रणाली की तुलना में बेहतर है?

जैसा कि हमने आपको अभी बताया एक ओर जहाँ ई-लर्निंग प्रणाली के कई सारे फायदे हैं, वहीं दूसरी ओर इसकी कुछ कमियाँ भी है। लेकिन उन कमियों की तुलना में इससे होने वाले फायदे कई गुना अधिक है। पारम्परिक शिक्षा प्रणाली की तुलना में ई-लर्निंग प्रणाली कई गुना सस्ती और

ई-लर्निंग के रिसोर्स क्या हैं?

आज इन्टरनेट पर ई-लर्निंग के बहुत सारे रिसोर्स उपलब्ध है। इन्हीं में से कुछ लोकप्रिय रिसोर्स निम्नलिखित है।

  • Google
  • Youtube
  • Udemy
  • Unacademy
  • Byju’s आदि।

E-Learning के बारे में अन्तिम राय

उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा कि E-Learning Kya Hota Hai साथ ही यह भी पता लग गया होगा कि ई-लर्निंग के क्या फायदे और क्या नुकसान हो सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा पढ़ाई करना ही ई-लर्निंग कहलाता है। चाहें आप कम्प्यूटर से करें या लेपटॉप से या फिर किसी स्मार्टफोन से करें। अगर अभी भी आपके मन में ई-लर्निंग को लेकर कोई सवाल है, तो आप कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करके पूछ सकते हैं।

साथ ही कमेन्ट करके यह भी बताये कि आपको हमारी यह पोस्ट “E-Learning Kya Hai ” कैसी लगी? आप चाहें तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं और ऐसी ही नई-नई जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग Fly Hindi को फॉलो करें।

FAQ : E-Learning से जुड़े सवाल-जवाब

  1. E-Learning का पूरा नाम क्या है?

    E-Learning का पूरा नाम Electronic Learning होता है।

  2. ई-लर्निंग के लिए क्या-क्या होना आवश्यक होता है?

    ई-लर्निंग करने के लिए आपके पास इन्टरनेट और एक डिवाइस होना आवश्यक है, जैसे कम्प्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन आदि।

  3. ई-लर्निंग करने के तरीके कौन-कौनसे है?

    आप ऑनलाइन लर्निंग वेबसाइटों, ऍप्लिकेशन्स, सॉफ्टवेयर के अलावा गूगल, यूट्यूब से भी ई-लर्निंग कर सकते हैं।

  4. ई लर्निंग के अन्य नाम क्या है?

    ई लर्निंग को Case-based learning (CBL), Competency-based education (CBE), Smart Learning, Web Learning और Mobile Learning के नाम से भी जाना जाता है।

Share It

Jay Kanwar

Jay Kanwar is an professional blogger. She loves reading and learning new tech. She contributes most of the tech and informative articles on this blog.